पीएम विश्वकर्मा योजना 2024 : कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल

देश के करोड़ों कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने हाल ही में पीएम विश्वकर्मा नामक एक नई योजना की घोषणा की है जो कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। इस योजना के तहत लघु और सूक्ष्म उद्यम मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग की ओर से 13,000 करोड़ रुपये का प्रारंभिक परिव्यय प्रदान किया जाएगा। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से –

पीएम विश्वकर्मा योजना : पात्रता

इस योजना के तहत पंजीकृत होने के लिए आवेदक को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी –

  1. आवेदक परंपरागत कारीगरी और शिल्पकला में स्व-रोजगार के आधार पर काम कर रहा होना चाहिए।
  2. आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
  3. पंजीकरण के समय आवेदक चुने गए व्यवसाय में सक्रिय रूप से कार्यरत होना चाहिए।
  4. पिछले 5 वर्षों में किसी समान ऋण आधारित योजना के तहत लाभ नहीं लिया होना चाहिए।
  5. सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
  6. पंजीकरण और लाभ केवल एक परिवार के एक सदस्य तक सीमित है।

पीएम विश्वकर्मा योजना आवेदन प्रक्रिया

आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल है –

  1. आवेदन कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है।
  2. आवेदक को आधार, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण आदि देना होगा।
  3. आवेदन की जांच 3 स्तरों पर होगी और मंजूरी के बाद पंजीकरण होगा।
  4. पंजीकृत लाभार्थियों को डिजिटल और भौतिक पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र एवं आईडी कार्ड जारी किया जाएगा।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ

इस योजना के तहत निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे:

  1. कौशल उन्नयन – कौशल मूल्यांकन, 40 घंटे का बुनियादी प्रशिक्षण और 120 घंटे का उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता भी दिया जाएगा।
  2. टूलकिट प्रोत्साहन – 15,000 रुपये
  3. ऋण सहायता –
  • लाभार्थियों को 3 लाख रुपये तक का बिना ब्याज का ऋण दिया जाएगा।
  • ऋण की दो किस्तों में दिया जाएगा – पहली किस्त 1 लाख रुपये और दूसरी किस्त 2 लाख रुपये।
  • बैंकों को 8% तक की ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
  • ऋण पर कोई जमानत नहीं ली जाएगी।
  1. डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन – प्रति लेनदेन 1 रुपये का प्रोत्साहन, अधिकतम 100 लेनदेन प्रति माह।
  2. विपणन सहायता –
  • उत्पादों का ब्रांडिंग और प्रमोशन
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध करने में मदद
  • व्यापार मेलों में भाग लेने के लिए सहायता
  • निर्यातकों और व्यापारियों से जोड़ना

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वित्तीय प्रावधान

  • इस योजना के लिए सरकार ने 13,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
  • कौशल विकास और टूलकिट पर पूरी राशि एमएसएमई मंत्रालय द्वारा वहन की जाएगी।
  • ऋण गारंटी कवरेज के लिए सीजीटीएमएसई और ब्याज अनुदान के लिए एमएसएमई मंत्रालय जिम्मेदार होगा।
  • विपणन समर्थन के लिए भी एमएसएमई मंत्रालय द्वारा फंड मुहैया कराया जाएगा।

कार्यान्वयन ढाँचा

  • राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर समितियाँ गठित की गई हैं।
  • राष्ट्रीय स्तर की समिति नीतिगत निर्णय लेगी।
  • राज्य स्तरीय समितियाँ राज्य में कार्यान्वयन की निगरानी करेंगी।
  • जिला स्तर पर लाभार्थियों का पंजीकरण और लाभ प्रदान करने की जिम्मेदारी होगी।

इस योजना से देश के करोड़ों कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ होगा। यह उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी और उनकी आय में वृद्धि करेगी। सरकार ने कारीगर समुदाय के कल्याण के लिए एक अच्छा कदम उठाया है।

Author

  • Kamal Kumar

    मेरा नाम कमल कुमार है और मैं शिक्षा समाचार,सरकारी नौकरी और सरकारी योजनाओं के बारे में लिखता हूँ। मुझे blogging में दो वर्ष का अनुभव है । मैंने अपने स्नातक की पढ़ाई महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर से की है | मेरा उद्देश्य है कि मेरे लेखों से आपको महत्वपूर्ण जानकारी मिले और आप अपने करियर और भविष्य के लिए सही दिशा में कदम बढ़ा सकें। मेरे लेख सरल भाषा में, सटीक और उपयोगी होते हैं, जो हर वर्ग के पाठक के लिए लाभकारी साबित होते हैं।

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