इस समय सभी लोगों का यही सवाल है की केंद्र सरकार द्वारा सिलाई मशीन के लिए दिये जाने वाले 15000/- कैसे मिलेंगे और इस योजना में कैसे अप्लाई करना है | लेकिन हम आपको बता दे की सरकार द्वारा मुफ्त सिलाई मशीन के नाम से कोई योजना जारी नहीं की गई है | वास्तव में इस योजना का नाम पी एम विश्वकर्मा योजना है | सिलाई मशीन के लिए मिलने वाले 15000/- भी इसी योजना के अंतर्गत आते है |
लेकिन हम आपको बता दे के यह 15000/- मिलना इतना भी आसान नहीं है और ना ही हर कोई इस योजना के लिए अप्लाई कर सकता है | तो आइये इस योजना के बारे में विस्तार से जानते है ताकि आप किसी भी प्रकार की गलतफहमी का शिकार न हो और बिना योग्यता के किसी योजना में अप्लाई करके अपने समय व धन की बचत कर सकें और किसी भी प्रकार की समस्या से बच सकें |
दरअसल सिलाई मशीन के लिए जो 15000/- मिलेंगे उस योजना का नाम मुफ्त सिलाई मशीन योजना नहीं है | इस योजना का नाम पी एम विश्वकर्मा योजना है और योजना के अंदर कुल 18 कैटेगरी है | इन कैटेगरी के अलग अलग लोग ही इस योजना में आवेदन कर सकतें है |
इन 18 कैटेगरी में ही एक कैटेगरी दर्जी की है, यानि की जो सिलाई का काम कर रहे है वो इस योजना में आवेदन कर सकते हैं |
तो आपको सिलाई मशीन के लिए विश्वकर्मा योजना में ही आवेदन करना है |
सिलाई मशीन के लिए कौन आवेदन कर सकता है ?
आइये अब जानते है की विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत सिलाई मशीन के लिए क्या क्या योग्यता रखी गई है |
जो व्यक्ति परंपरागत कला में कुशल हैं जैसे कि कारपेंटर, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी आदि ।
जो अनौपचारिक क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है।
केवल एक ही व्यक्ति परिवार से लाभ उठा सकता है।
सिलाई मशीन के लिए 15000/- एसे मिलेंगे
अगर किसी की कैटेगरी दर्जी है (जो सिलाई का काम करता है) तो वह विश्वकर्मा योजना में टूल किट के लिए आवेदन कर सकता है |
आवेदन करने के बाद आवेदन कर्ता को बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग पूरी करनी होगी | यह ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ही उसे 15000/- का वाउचर मिलेगा जिसका उपयोग वह निर्धारित स्थान से सिलाई मशीन खरीदने में कर कर सकेगा |
टूलकिट प्रोत्साहन और प्रतिदिन 500 रुपये का भत्ता भी मिलेगा। प्रशिक्षण पूरा होने पर 1 लाख रुपये का पहला कर्ज ट्रांच प्राप्त कर सकते हैं। डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन राशि और ब्रांडिंग/मार्केटिंग सहायता भी उपलब्ध है।
इस प्रकार आवेदन करने वाले को नगद में 15000/- की राशि नहीं मिलेगी | ट्रेनिंग पूरा करने के बाद उसे ई वाउचर दिया जाएगा जिसका उपयोग वह सरकार द्वारा निर्धारित दुकानों पर मशीन अथवा टूल किट खरीदने के लिए कर सकेगा |
यानि की अगर कोई लुहार या बढ़ई का काम करता है तो उसे उसके काम के अनुसार औज़ार की टूल किट खरीदने का वाउचर मिलेगा | इसी प्रकार दर्जी का काम करने वाले को सिलाई मशीन के लिए वाउचर मिलेगा |
आवेदन कैसे करें
आवेदन करने के लिए सीएससी केंद्रों पर जाकर या PM विश्वकर्मा की वेबसाइट/ऐप (https://pmvishwakarma.gov.in/) से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आधार, मोबाइल नंबर और बैंक खाते का विवरण देना जरूरी है। ग्राम पंचायत और नगर निकाय के सत्यापन के बाद लाभार्थी को PM विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड जारी किया जाएगा।
केंद्र और राज्य स्तर पर समिति का गठन होगा
इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। राष्ट्रीय स्तर की समिति नीतिगत मामलों और योजना के कार्यान्वयन पर निर्णय लेगी। राज्य स्तरीय समिति राज्य में लागू करने में मदद करेगी और जिला स्तरीय समिति जिले में योजना को चलाने के लिए जिम्मेदार होगी।
सीएससी केंद्र लाभार्थियों का पंजीकरण करेंगे और उन्हें आवेदन की प्रक्रिया में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। एमएसडीई और एमएसडीई की ट्रेनिंग सुविधाएं कौशल प्रशिक्षण के लिए उपयोग की जाएंगी। बैंक और वित्तीय संस्थान ऋण और गारंटी कवर प्रदान करेंगे।
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निष्कर्ष
अब आप जान गए होंगे की सिलाई मशीन के नाम से कोई योजना नहीं है | सिलाई मशीन विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत ही आती है |
PM विश्वकर्मा एक बहु-एजेंसी पहल है जो हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए एक मंच प्रदान करती है ताकि वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें। यह योजना उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था में एकीकृत करने और उनकी आजीविका में सुधार करने का एक सकारात्मक कदम है।